Our site will be undergoing maintenance from 6 a.m. - 6 p.m. ET on Saturday, May 20. During this time, Bookshop, checkout, and other features will be unavailable. We apologize for the inconvenience.
Cookies must be enabled to use this website.
Book Image Not Available Book Image Not Available
Book details
  • Genre:RELIGION
  • SubGenre:Christian Living / General
  • Language:Hindi
  • Pages:200
  • eBook ISBN:9781949399301

प्रतिज्ञा का सिद्धा न्त

by Phillip Hunter View publisher's profile page

Book Image Not Available Book Image Not Available
Overview
क्या आप अपने वि चारों और भावनाओं के द्वा रा चला ए जात े हैं? अगर आपको परिस् थितियों का प्रत्युत्त ्युत्त्युत्त र देना आता तो क्या आपका जीवन अच्छा बेहतर होता ? क्या आपका समूह अत्यध िक गहराई के साथ परमेश्वर के वचन का अध्य यन करना चाहता है? परमेश्वर का वचन प्रतिज्ञाओं से भरा हुआ है! यह पुस्त क उसकी प्रतिज्ञाओं के अध्य यन की गहराई में जाने के लिए आपके समूह को दिशा निर् देशन देगी। हमारा पुराना स्व भाव ऐसे वि चारों और भावनाओं से प्रभावित रहता है जो पारिवारिक मूल्य ों, कार ्य, स्वा स्थ्य या प्रलोभनों के कारण उत्प न्न होते हैं। परन्तु ्तु परमेश्वर हमारे आत्मि क वि कास के लिए योजना बनाता है ताकि हम फिर से उस पुराने स्व भाव में भागीदा र न रहें। इसके बजाय हम उसके ईश्वरीय स्व भाव के द्वा रा चला ए जाएं। बाइबल ऐसे वृत्ता न्त बतात ी है जि नमें लोगों ने अपनी परिस् थितियों के अनुकूल जवाब दिया। विश्वास परिस् थिति के स्था न पर परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं के अनुकूल जवाब देने का चुनाव है। यह पुस्त क आपके द्वा रा पवि त्रशास्त्र पढ़ने के तरीके को चुनौती देगी और बाइबल के सम्पर्क में आने का एक नया तरीका सिखाएगी ताकि आप उन्नत ि पाएं।
Description
क्या आप अपने वि चारों और भावनाओं के द्वा रा चला ए जात े हैं? अगर आपको परिस् थितियों का प्रत्युत्त ्युत्त्युत्त र देना आता तो क्या आपका जीवन अच्छा बेहतर होता ? क्या आपका समूह अत्यध िक गहराई के साथ परमेश्वर के वचन का अध्य यन करना चाहता है? परमेश्वर का वचन प्रतिज्ञाओं से भरा हुआ है! यह पुस्त क उसकी प्रतिज्ञाओं के अध्य यन की गहराई में जाने के लिए आपके समूह को दिशा निर् देशन देगी। हमारा पुराना स्व भाव ऐसे वि चारों और भावनाओं से प्रभावित रहता है जो पारिवारिक मूल्य ों, कार ्य, स्वा स्थ्य या प्रलोभनों के कारण उत्प न्न होते हैं। परन्तु ्तु परमेश्वर हमारे आत्मि क वि कास के लिए योजना बनाता है ताकि हम फिर से उस पुराने स्व भाव में भागीदा र न रहें। इसके बजाय हम उसके ईश्वरीय स्व भाव के द्वा रा चला ए जाएं। बाइबल ऐसे वृत्ता न्त बतात ी है जि नमें लोगों ने अपनी परिस् थितियों के अनुकूल जवाब दिया। विश्वास परिस् थिति के स्था न पर परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं के अनुकूल जवाब देने का चुनाव है। यह पुस्त क आपके द्वा रा पवि त्रशास्त्र पढ़ने के तरीके को चुनौती देगी और बाइबल के सम्पर्क में आने का एक नया तरीका सिखाएगी ताकि आप उन्नत ि पाएं।
About the author
फ़िलिप हन्टर साउथलेक, टेक्सा स में "गेटवे चर्च" के पुरुषों के पास्ट र के रूप में सेवा करते हैं। "मास्ट र ऑफ़ डिविन िटी" की उपाधि प्रा प्त करने के पश्चा त उन्ह ोंने अब तक विभ िन्न कैम्प , मसीही संस्थान ों, और कलीसि याओं के साथ पूर्ण कालीन सेवकाई में 20 वर्ष बि ताए हैं। फ़िलि प, लोगों को मसीह के द्वा रा परिवडत्चत होते देखने, उन्ह ें आत्मि क परिपक्व ता में बढ़ते हुए देखने और उन्ह ें वैसा जीवन बि ताते हुए देखने की तीव्र इच्छा रखते हैं जैसा चाहता है कि वह हों। सन् 2005 में उनका वि वाह शैली से हुआ। वे अपना व्य स्त जीवन अपने पाँच बच्च ों के साथ बि ताते हैं जिन के नाम हैं: एट्ले, ऐवरी, केनन , चैम्प और जुबि ली।

Other titles by this author/publisher

Thanks for submitting a review!

Your review will need to be approved by the author before being posted.

See Inside
Front Cover

Loading book cover...

Book Image Not Available Book Image Not Available
Session Expiration WarningYour session is due to expire.

Your online session is due to expire shortly.
Would you like to extend your session and remain logged in?

Session Expired

Your session has expired.We're sorry, but your online session has expired.
Please log back into your account to continue.